Saturday, March 22, 2008

फूल

अजी शिखर पर जो चढ़ना है तो कुछ संकट झेलो
चुभने दो-चार कांटें, फिर जी भर गुलाब से खेलो.

?

जिसने मरना सीख लिया है जीने का अधिकार उसी को
जो काँटों के पथ पर आया फूलों का उपहार उसी को.

?

वक्त को जिसने ना समझा उसे मिटना पड़ा है
बच गया तलवार से तो फूल से कटना पड़ा है.

?

No comments: