Wednesday, March 07, 2007

आग थोड़ी सी बची है जो, जला के रखो
बुझेगी तो धुएँ का गुबार फूटेगा ।
आज हमने अगर मशाल नहीं थामी तो
कल को िफर से अंधेरा बहार लूटेगा ।।

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